समाज से दूरी बढाती सोसल नेटवर्किंग साइट्स ; आज का युग टेक्नोलोजी का युग है और विकसित देशो के साथ- साथ विकासशील देश भी टेक्नोलोजी के मामले में विकास कर रहे है/ इसी विकास के चलते इन्टरनेट का प्रयोग न केवल जानकारी प्राप्त करने तक सीमित रह गया है , बल्कि इन्टरनेट पर आज बहुत सी अलग चीजे भी मिल जाती है/ वही इस कड़ी में नाम आता है फेसबुक का/इस पर न केवल युवा वर्ग व्यस्त है वल्कि हर उम्र का व्यक्ती मिल जाएगा/ माना की हम फेसबुक से अपना सर्कल बड़ा सकते हैं लेकिन इसके चक्कर में हम अपने उन दोस्तों पर ध्यान नहीं दे पाते जो हमारी कालोनी ओर ऑफिस के दोस्त हैं / लेकिन एक सच ये भी है की फेसबुक पर जो हमें दोस्त मिलते हैं उनके बारे में हमें केबल उतनी ही जानकारी होती है जितनी की वो हमें देते हैं और कुछ लोग तो फेक नाम से हमसे दोस्ती करते हैं/ और एक सर्वे में सिद्ध भी हो चुका है इससे तनाव बढता है/ तो हम क्यूँ फ़ालतू का तनाव अपने सर पर ले रहे और वो भी उनके लिए जिन्हें हम जानते तक नहीं
सोचिये जरा!
अपनी सोसाइटी से इतनी दूरी न बनाये की कल को कोई काम पड़ने पर वो साथ न दे सके
सोचिये जरा!
अपनी सोसाइटी से इतनी दूरी न बनाये की कल को कोई काम पड़ने पर वो साथ न दे सके
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