ॐ साईं राम
किसी भी रूप में आ सकते हैं भगवान्
आज २५ दिसंबर श्री साईं बाबा की जयंती का पर्व है, और आज साईं बाबा का हर एक मंदिर पुष्पों से सुसज्जित है, सजाबट देखते ही बनती है/ और हो भी क्यूँ न हर वर्ग के लोगों की साईं बाबा में गहरी आस्था जो है, क्योंकि साईं बाबा सर्व धर्म को में विश्वाश रखने वाले देव हैं/ हालांकि साईं बाबा के के धर्म के बारे में लोगों को ज्यादा तो नहीं पता की वो हिन्दू थे या मुसलमान, पर इसके पीछे एक बहुत ही प्यारी कहानी प्रचलित है/
ऐसा माना जाता है की किसी गाँव में एक मस्जिद थी वहीँ पर साईं बाबा अपना जीवन व्यतीत करते थे, उसी निवास पर एक हिन्दू व्यक्ति रहता था, जिसकी साईं बाबा में अटूट आस्था थी, वह उनकी सेवा और दर्शन करने प्रतिदिन उसी मस्जिद में जाता था, वो व्यक्ति जब तक भोजन नहीं करता था जब तक वह साईं बाबा के दर्शन न कर ले/ लेकिन साईं बाबा भी बड़े दयालु किस्म के इंसान थे वो किसी को भी किसी प्रकार का कष्ट नहीं पहुचाना चाहते थे, तो इसी बात को ध्यान में रखते हुए साईं बाबा अपने उस भक्त से बोले, तुम मुझे बहुत मानते हो न, और इसी लिए रोज मेरे दर्शन को आते हो, तो अब मैं चाहता हु की कल से तुम यहाँ आना छोड़ दो क्योंकि कल से मैं खुद तुम्हे दर्शन देने आऊंगा/ दुसरे दिन वो भक्त आया और बोला हे प्रभु आप कल मुझे दर्शन देने क्यूँ नहीं आये कल मैंने भोजन भी नहीं किया इस कारण, साईं राम बोले की मैं कल आया था लेकिन तुम मुझे पहचान ही नहीं पाए, देखो सबसे पहले एक भिखारी को तुमने अपने दरवाजे से फटकार दिया , उसके बाद एक बूढी औरत को तुमने भगाया था, फिर एक कुत्ते को तुमने डंडे से मार कर भगा दिया था/ वो तीनो में ही था तुम मुझे पहचान ही नहीं पाए, तब उस भक्त ने पश्चाताप किया और बोला की सच में भगवान् किसी भी रूप में आ सकते हैं/
किसी भी रूप में आ सकते हैं भगवान्
आज २५ दिसंबर श्री साईं बाबा की जयंती का पर्व है, और आज साईं बाबा का हर एक मंदिर पुष्पों से सुसज्जित है, सजाबट देखते ही बनती है/ और हो भी क्यूँ न हर वर्ग के लोगों की साईं बाबा में गहरी आस्था जो है, क्योंकि साईं बाबा सर्व धर्म को में विश्वाश रखने वाले देव हैं/ हालांकि साईं बाबा के के धर्म के बारे में लोगों को ज्यादा तो नहीं पता की वो हिन्दू थे या मुसलमान, पर इसके पीछे एक बहुत ही प्यारी कहानी प्रचलित है/
ऐसा माना जाता है की किसी गाँव में एक मस्जिद थी वहीँ पर साईं बाबा अपना जीवन व्यतीत करते थे, उसी निवास पर एक हिन्दू व्यक्ति रहता था, जिसकी साईं बाबा में अटूट आस्था थी, वह उनकी सेवा और दर्शन करने प्रतिदिन उसी मस्जिद में जाता था, वो व्यक्ति जब तक भोजन नहीं करता था जब तक वह साईं बाबा के दर्शन न कर ले/ लेकिन साईं बाबा भी बड़े दयालु किस्म के इंसान थे वो किसी को भी किसी प्रकार का कष्ट नहीं पहुचाना चाहते थे, तो इसी बात को ध्यान में रखते हुए साईं बाबा अपने उस भक्त से बोले, तुम मुझे बहुत मानते हो न, और इसी लिए रोज मेरे दर्शन को आते हो, तो अब मैं चाहता हु की कल से तुम यहाँ आना छोड़ दो क्योंकि कल से मैं खुद तुम्हे दर्शन देने आऊंगा/ दुसरे दिन वो भक्त आया और बोला हे प्रभु आप कल मुझे दर्शन देने क्यूँ नहीं आये कल मैंने भोजन भी नहीं किया इस कारण, साईं राम बोले की मैं कल आया था लेकिन तुम मुझे पहचान ही नहीं पाए, देखो सबसे पहले एक भिखारी को तुमने अपने दरवाजे से फटकार दिया , उसके बाद एक बूढी औरत को तुमने भगाया था, फिर एक कुत्ते को तुमने डंडे से मार कर भगा दिया था/ वो तीनो में ही था तुम मुझे पहचान ही नहीं पाए, तब उस भक्त ने पश्चाताप किया और बोला की सच में भगवान् किसी भी रूप में आ सकते हैं/
great Article
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