Thursday 22 March 2012

                         बजट ने काटी हर वर्ग के लोगों की जेब
अभी फिलहाल में २०१२-१३ का बजट पेश हुआ, हमारे माननीय वित्त मंत्री प्रणब जी का मानना है की ये बजट सर्वजन  के हित को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, लेकिन अगर जनता के दृष्टीकोन से देखा जाये तो ये हित में कम हित विरोधी ज्यादा नजर आता है, क्योंकि इस बजट में लगभग उन सभी चीजो के दाम बड़े है, जिन्हें आज के युग की सुख सुविधाओ के रूप में जरूरी समझा जाता है/  फ़िलहाल एक रिपोर्ट पेश करते है-                                                                                       

 महंगा                                                                                       सस्ता
होटल में ठहरना                                                                       ब्रांडेड चांदी                                   
ब्रांडेड कपडे                                                                               उर्वरक 
एयर कंडीशनर                                                                         ऊनी कपडे   
सोना                                                                                         रेशमी कपड़े
कंप्यूटर                                                                                     मोबाइल 

आइये अब एक नजर डालते हैं महंगे हुए सामानों पर, तो शुरुआत करते है कंप्यूटर से जो आज के दौर में शिक्षा के लिए बहुत जरूरी उपकरण हो गया है, क्योंकि आज के तकनीकी  युग में बच्चों की पढाई से लेकर ओफिसिअल वर्क भी कंप्यूटर पर ही किये जाते है और अगर ये महंगा हो जयेगा तो इसे खरीदना मतलब जेब पर अधिक दबाब डालने जैसा है/

अगर बात करें एयर कंडीशनर की तो ये भी एक महत्तपूर्ण उपकरण हो गया है जो पहले से ही महंगा था और ऊपर से बिजली अधिक खाता है अगर ये महंगा होता है, तो खरीदने से पहले दस बार नहीं पचास बार सोचना पड़ेगा/

अब आते है ब्रांडेड कपड़ो पर जो नए बजट के अनुसार महंगे होने वाले है यानी ब्रांडेड शब्द को हटा दिया जाए तो शब्द बचता है कपड़े, यानी सीधी सी बात है की ब्रांडेड के नाम पर कपड़ो का दाम बढेगा/ तो कहना थोडा बचकाना लगता है की बजट सर्व हित है/
अब आते है सोने पर जहाँ एक तरफ पहले भारत में सोने की कोई कमी नहीं थी, वहीं अब हालत ये हैं की अगर किसी के पास थोडा सा सोना होता है तो उसे अमीर समझा जाता है, लेकिन अगर इसका भी दाम बढ़ जायेगा तो उन लोगों का क्या होगा जो पायी पायी जुटाकर कर अपनी बेटियों की शादी के लिए सोना जोड़ते हैं, उनका तो मानो खरीदना ही बंद हो जायेगा/

अब आते हैं सस्ती हुई चीजों पर माना की मोबाइल सस्ते हुए हैं, लेकिन इससे लोगो को ख़ास फर्क नहीं पड़ने वाल क्यूंकि मोब. वैसे भी हर एक पास है, अगर ये सस्ता होता है तो लोग इससे फ़ालतू में खरीद कर पैसा बर्बाद करेंगे, खासकर किशोर उम्र के बच्चे/

हाँ ब्रांडेड चांदी की खरीद में थोड़ी राहत जरूर मिलेगी, लेकिन चांदी से ज्यादा लोग सोने को तब्बजो देते हैं/ लेकिन ये चांदी लोगों की दैनिक वास्तु में नै आती तो इससे कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ेगा/
अब बचते हैं ऊनी और रेशमी कपडे इसे केबल सस्ते का नाम दिया गया है जबकि ये महंगा ही रहेगा, क्योंकि कुछ लोग ध्यान ही नहीं दे पाते है की कपडा सस्ता हो गया है, और इसी चीज का दुकानदार फायदा जरूर उठा सकते हैं, न की उपभोक्ता/


अगर ध्यान दिया जाए तो कुछ भी सस्ता न होकर लगभग महंगा ही हो गया है/











     

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