जटिल रोगों की तकलीफ या रोग से ही निजात पाने के लिए गीत संगीत एक कारगर
उपचार सिद्ध होने वाला है। बंगलुरू के स्वामी सच्चिदानंद मूर्ति का कहना
है कि कुछ राग या रागों का मिश्रण ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, अस्थमा और इसी
तरह के जटिल रोगों में अचूक उपचार साबित हो रहे हैं। स्वामीजी ने अपने
केंद्र में विभिन्न रोगों के लिए कुछ संगीत रचनाएं तैयार कीं और उन्हें
जरुरतमंदों तक पहुंचाया भी है।
स्वामीजी का कहना है कि संगीत का सेवन प्रत्यक्ष रूप में अर्थात् साज और गायकी के जरिए किया जाए तो बेहतर है। न हों तो कैसेट सीडी आदि इलेक्ट्रानिक उपकरणों का भी सहारा लिया जा सकता है। इन उपकरणों के नतीजे बहुत अच्छे तो नहीं निकलेंगे क्योंकि खुद किए गए अभ्यास में अपना पूरा अस्तित्व लगता है। जीभ, तालु, होंठ, कंठ आदि अंगों की सक्रियता शरीर में जो प्रभाव उत्पन्न करती है, वह यांत्रिक संगीत से नहीं हो पाती। लेकिन उससे भी संगीत का थोड़ा बहुत उपचारात्मक प्रभाव तो होता ही है। इधर स्वास्थ्य विज्ञानियों और चिकित्सकों ने भी संगीत की उपचार क्षमता की पुष्टि की है। राजधानी स्थित बॉडी माइंड क्लिनिक पिछले छह महीनों से संगीत चिकित्सा शुरू हुई है। क्लिनिक के प्रमुख व होलिस्टिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ आर के तुली के अनुसार इस पद्धति का रोगियों पर चमत्कारिक असर हुआ है। संगीत चिकित्सा मेटाबॉलिज्म को तेज करती है, उससे मांसपेशियों की ऊर्जा बढ़ाती है। भारत ही नहीं दुनिया के दूसरे देशों में भी संगीत की उपचार क्षमता पर कई अध्ययन अनुसंधान हो रहे हैं। मुंबई के एक अस्पताल और नागपुर के डॉक्टरों की टीम ने संगीत के प्रभावों का अध्ययन किया तो पाया कि ड्यूटी के दौरान दिल के दौरे पड़ने के मामलों में संगीत ने ब्रेक का काम किया। जिन पुलिस थानों और अनियत समय तक काम करने वाले विभागों में मानसिक समस्या बढ़ रही थी, वहां संगीत का उपयोग काफी असरदार साबित हुआ है। |
Monday, 9 April 2012
संगीत से होगा उपचार
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment